दो बैलों की कथा (कहानी का सारांश)
झुरी के दो पालतू बैल है। जिनका नाम हीरा और मोती है जो देखने में सुंदर, ऊंचे और काम के चौंकस हैं। दोनों ही बैलों को अपने मालिक से प्रेम और लगाव है। एक दिन किसी कारण से झुरी बैलों को अपने ससुराल साले 'गया' के पास भेज देता है बैलों ने समझा उन्हें बेच दिया है वह दोनों दुखी होते हैं और उसी रात भाग कर वापस अपने स्थान पर आ जाते हैं। सुबह उठकर झुरी बैलों को उनके स्थान पर देख बहुत खुश होता है और उनको गले से लगा लेता है।
दूसरे दिन फिर 'गया' आकर उन्हें ले गया और उन्हें कल की शरारत के लिए खूब मारा और सूखा भूसा दिया, और अपने बैलों को खली चुनी और सब कुछ देता है। दोनों ने भूसे की तरफ देखा तक नहीं, उसी समय एक छोटी सी लड़की आई और दो रोटियां उनको देकर चली गई दो रोटियो से भूख शांत तो नहीं हुई पर प्रेम से मन शांत हो गया दिन भर दोनों हल में जोते जाते, डंडे खाते, अड़ते और शाम को स्थान में बाँध दिए जाते हैं
दूसरे दिन फिर 'गया' आकर उन्हें ले गया और उन्हें कल की शरारत के लिए खूब मारा और सूखा भूसा दिया, और अपने बैलों को खली चुनी और सब कुछ देता है। दोनों ने भूसे की तरफ देखा तक नहीं, उसी समय एक छोटी सी लड़की आई और दो रोटियां उनको देकर चली गई दो रोटियो से भूख शांत तो नहीं हुई पर प्रेम से मन शांत हो गया दिन भर दोनों हल में जोते जाते, डंडे खाते, अड़ते और शाम को स्थान में बाँध दिए जाते हैं

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पाठय पुस्तक -क्षितिज (Class 9 Hindi)
पाठ 2 - ल्हासा की ओर पाठ 3 - उपभोक्तावाद की संस्कृति
पाठ 4 - सांवले सपनों की याद
पाठ 5 - नाना साहब की पुत्री देवी मैना
काव्य - खंड
पाठ 9 - कबीर की सखियां और सबद
पाठ 10 - वाख (ललद्यद)
पाठ 4 - सांवले सपनों की याद
पाठ 5 - नाना साहब की पुत्री देवी मैना
काव्य - खंड
पाठ 9 - कबीर की सखियां और सबद
पाठ 10 - वाख (ललद्यद)
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एक बार वह दोनों भागने की सोचते हैं तभी वह छोटी सी लड़की आई और उनकी रस्सी खोल उनको भगा कर चिल्लाई - 'बैल भागे जा रहे हैं'। तब गया और उसके आदमी बैलों को पकड़ने के लिए भागते हैं भागते-भागते बैल किसी अनजान स्थान पर पहुंच जाते हैं दोनों भूखे भी होते हैं सामने मटर का खेत देख मटर चरने लगे भूख शाम होने पर दोनों आजादी का अनुभव करते हैं और दोनों खेल में उछलने कूदने लगते हैं|
तभी एक सांड जोर से आवाजे कर उनकी तरफ आने लगा, भागना कायरता समझ दोनों उससे लड़ने लगे और उसको मार गिराया। तब हीरा सोचता है कि अब घर कैसे पहुंचे पर मोती मटर चलने लगता है तभी लोग लाठियां लेकर उनको घेर लेते हैं दोनों को कांजी-हाउस में बंद कर देते है|
तभी एक सांड जोर से आवाजे कर उनकी तरफ आने लगा, भागना कायरता समझ दोनों उससे लड़ने लगे और उसको मार गिराया। तब हीरा सोचता है कि अब घर कैसे पहुंचे पर मोती मटर चलने लगता है तभी लोग लाठियां लेकर उनको घेर लेते हैं दोनों को कांजी-हाउस में बंद कर देते है|
दोनों ने पहली बार ऐसा देखा सारा दिन बीत गया खाने को एक तिनका भी नहीं मिला। यहां कई भैसे, कई बकरियां, कई घोड़े, कई गधे थे किसी के आगे भी चारा नहीं था सब बहुत कमजोर थे। हीरा वहां से निकलने की और सब को निकालने की सोचता है उसी रात वह दीवार गिराने का प्रयास करने लगा। दीवार थोड़ी गिरने लगी तभी कांजीहौस का चौकीदार जानवरों की गिनती करने पहुंच गया, उसने हीरा को खूब मारा और मोटी रस्सी से बाँध कर चला गया कुछ देर बाद हीरा फिर प्रयास करने लगा उसे अकेला समझ मोती भी उसकी मदद करने लगा। दो घंटे लगातार प्रयास से दीवार टूट गई सारे जानवर भाग गए पर मोटी रस्सी से बंधे होने के कारण हीरा वही फंस गया। हीरा को फंसा देख मोती भी वहीं खड़ा रहता है|
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पाठय पुस्तक - कृतिका
पाठय पुस्तक - कृतिका
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika
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एक सप्ताह दोनों बैल वही बंधे रहे किसी ने उन्हें चारा तक नहीं दिया। दिन में एक बार पानी दिया जाता था दोनों बहुत कमजोर हो गए। एक दिन 50-60 लोगों को बुलाया गया दोनों बैलों की नीलामी थी। लोग उनको निहारते और चले जाते तभी एक दड़ियल आदमी आता और मुंशी से बैलों के बारे में पूछता है और अपने साथ ले जाता है। कुछ देर चलने पर उन्हें रास्ता पहचाना सा लगता है दोनों बैल तेज-तेज चलने लगे उन्होंने देखा एक कुंआ जहां से उनका घर नजदीक ही पड़ता था। दोनों दौड़ते-दौड़ते अपने घर पहुंच गए वह आदमी भी वहीं आ गया। बैलो को अपने स्थान पर देख झुरी बोला - 'मेरे बैल' तभी आदमी कहता है मैंने नीलामी से लिए हैं और बैलों की तरफ बढ़ता है। दोनों बैल सींग मारकर उस आदमी को गांव से बाहर कर देते हैं और अकड़ते हुए अपने स्थान पर आते हैं। झुरी बहुत खुश होता है और उनको खली चोकर भूसा और दाना डाल सहला रहा था। तभी मालकिन आकर दोनों बैलों का माथा चूमती है।
मुंशी प्रेम चन्द्र जी
पाठ्य पुस्तक के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 - काजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर - कांजीहौस में कैद पशुओं की संख्या को ध्यान में रखने के लिए हाजिरी ली जाती होगी। ताकि कोई पशु भाग जाए तो उसका तुरंत पता चल सके।
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Class 9 Subjects
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प्रश्न 2 - छोटी बच्ची को बैलो पर प्रेम क्यों उमड़ आया?
उत्तर - छोटी बच्ची को बैलों से आत्मीयता हो गई थी दोनों की स्थिति एक समान थी इसलिए दोनों एक दूसरे के दुख को अच्छे से समझ सकते थे।
प्रश्न 3 - कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर - कहानी में बैलों के माध्यम से नीति-विषयक मूल्य इस प्रकार से है-
1) अपनी आजादी के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए।
2) अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।
3) किसी भी मुश्किल परिस्थिति मैं हार नहीं माननी चाहिए।
4) अपने साथ-साथ दूसरों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए।
प्रश्न 4 - प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद्र ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रोड अर्थ 'मूर्ख' का प्रयोग ना कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर - प्रेमचंद्र जी ने गधे के सरल स्वभाव व सीधेपन तथा सहनशीलता, कभी ना क्रोध करने वाला, हर स्थिति में संतुष्ट रहने वाला, अपने दुखों को प्रकट न करने के कारण बेवकूफ समझा जाता है। लोगों के द्वारा असम्माननीय है इसलिए प्रेमचंद्र जी ने गधे के गुणों के आधार पर रुण अर्थ 'मूर्ख' का प्रयोग न करके नए अर्थ में उसकी अच्छाइयों की ओर संकेत किया है।
प्रश्न 5 - किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर - कहानी में हुए कुछ घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी -
1) दोनों बेलों की यही चेष्टा रहती थी कि ज्यादा बोझ मेरी ही गर्दन पर रहे।
2) नाँद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ उठते, नाँद में मुह डालते, साथ में बैठते थे और एक मुँह हटा लेता तो दूसरा भी हटा लेता था।
3) मटर के खेत में मोती के पकड़े जाने पर हीरा उसे छोड़कर नहीं आता है। वही खड़ा रहता है।
4) हीरा और मोती दोनों अपनी सूझबूझ से योजना बनाकर सांड को मार गिराते हैं।
5) कांजीहौस में हीरा मोटी रस्सी से बंधे होने के कारण नहीं भाग सकता है तब मोती भी वहां से नहीं भागता वह उसको छोड़कर नहीं जाना चाहता था।
प्रश्न 6 - 'लेकिन औरत जात पर सिंह चलाना मना है, यह भूल जाते हो' - हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए?
उत्तर - 'लेकिन औरत जात पर सिंह चलाना मना है। यह भूल जाते हो' हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद का दृष्टिकोण आदर व सम्मान जनक है। और स्त्री को वे प्रेम, ममता, दया और स्नेह के रूप में देखते हैं। इन सभी गुणों से परिपूर्ण नारी का वह हृदय से सम्मान करते हैं। तथा पशु जाति में भी नारी का सम्मान हो इसलिए वह स्त्री जाति को दंड नहीं देना चाहते हैं। इस तरह स्त्री उनकी दृष्टि में सम्मान के पात्र हैं।
प्रश्न 7 - किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर - किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंध एक कुटुंब की भांति होते है। दोनों एक दूसरे को अपना परिवार समझते हैं। और किसान पशुओं को अपने बच्चों की तरह प्यार वह देखभाल करता है। तथा कहानी में किसान और पशु के आपसी प्रेम और लगाव को भी दर्शाया गया है। किसान और पशु दोनों का एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध होता है।
प्रश्न 8 - ' इतना तो हो ही गया कि नौ - दस प्राणियों की जान बच गई। वह सब तो आशीर्वाद देंगे' - मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएं बताइए?
उत्तर - मोती विपत्ति में होकर भी नौ - दस पशुओं की जान बचाने की सोचता है। और उसे खुशी इस बात की थी कि उसने नौ - दस प्राणियों की जान बचा दी। इसलिए उसे विश्वास होता है कि भगवान भी हमारे साथ बुरा नहीं होने देंगे हमें बचा ही लेंगे।
प्रश्न 9 - आशय स्पष्ट कीजिए -
क) अवश्य ही उसमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवो में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
उत्तर - हीरा और मोती एक दूसरे की बात को आसानी से समझ जाते थे। जबकि मनुष्य जीवो में श्रेष्ठ होने का दावा करता है पर वह इन बातों से अनभिज्ञ है। वह इतनी आसानी से दूसरे के मन की बात को नहीं समझ पाता है।
ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
उत्तर - लड़की जब एक-एक रोटी उनको देती है, तो रोटी से उनकी भूख तो नहीं मिटती पर उसके प्यार और स्नेह से दोनों बैलों के ह्रदय में जो प्रेम की भूख होती है वह जरूर शांत हो जाती है।
प्रश्न 10 - गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि -
क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
उत्तर ग - वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 11 - हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें?
उत्तर - हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ आवाज उठाई क्योंकि वह अन्याय होते नहीं देख सकते हैं। इसलिए वे काजी हौस में बंद पशुओं को निकालने की सोचते हैं, और वहां से पशुओं को बाहर निकालते हैं। इस कारण दोनों बैल बहुत मार खाते हैं और कई दिनों तक भूखे भी रहते हैं। उनको मार खाना और भूखे रहना मंजूर था, पर शोषण के वह खिलाफ थे इसलिए विवश होकर चुपचाप नहीं बैठ सकते थे।
प्रश्न 12 - क्या आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
उत्तर - जिस तरह हीरा और मोती कई विपत्तियां आने पर भी अपने मालिक के पास और घर जाने का प्रयास करते रहते हैं। बार-बार प्रयास करने पर भी हार नहीं मानते हैं। वह दोनों किसी भी बंधन में नहीं बंधना चाहते और बंधन से आजाद होने के लिए वह मजबूत दीवार भी गिरा देते हैं, और एक दिन वह अपने घर भी पहुंच जाते हैं इसलिए कहा जा सकता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की और भी संकेत करती है।
अध्ययन - भाषा
प्रश्न 13 - बस इतना 'ही' काफी है।
फिर मैं 'भी' जोर लगाता हूं।
'ही' 'भी' वाक्य में किसी बात पर जोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में से पांच ऐसे वाक्य छाटिएँ जिसमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर - ही और भी के पांच निपात वाक्य इस प्रकार से हैं -
'ही'
1 - उससे कम ही गधा है।
2 - एक साथ नाँद में मुंह डालते और साथ ही बैठते थे।
3 - चाहे कितने ही बंधन पड़ते जाएं।
4 - हमारी जान को कोई जान ही नहीं समझता।
5 - अपना ही घर आ गया।
'भी'
1 - किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा।
2 - कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लिया करते थे।
3 - एक मुँह हटा लेता, तो दूसरा भी हटा लेता था।
4 - यहां भी किसी सज्जन का वास है।
5 - मोती ने भी दीवार में उसी जगह सींग मारा।
प्रश्न 14 - रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए -
क) दीवार का गिरना था कि अधमरे - से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आंखें लाल थी और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
ग) हीरा ने कहा - गया के घर से नाहक भागे।
घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
ड़) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे - मारे ना छोड़ता।
उत्तर - रचना के आधार पर वाक्य भेद तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भेद इस प्रकार से हैं -
क) वाक्य भेद - मिश्र वाक्य
उपवाक्य - अधमरे - से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
भेद - संज्ञा उपवाक्य
ख) वाक्य भेद - मिश्र वाक्य
उपवाक्य - जिसकी आंखें लाल थी और मुद्रा अत्यंत कठोर।
भेद - विशेषण उपवाक्य
ग) वाक्य भेद - मिश्र वाक्य
उपवाक्य - गया के घर से नाहक भागे।
भेद - संज्ञा उपवाक्य
घ) वाक्य भेद - मिश्र वाक्य
उपवाक्य - तो बिकेंगे।
भेद - क्रिया विशेषण
ड़) वाक्य भेद - मिश्र वाक्य
उपवाक्य - मैं भी मारे ना छोड़ता।
भेद - क्रिया विशेषण
प्रश्न 15 - कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पांच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए?
उत्तर - मुहावरे वह उनका वाक्यों में प्रयोग -
1- ईंट का जवाब पत्थर से देना - फुटबॉल मैच में हमारी टीम ने अपने विपक्षी टीम को हराकर ईट का जवाब पत्थर से दिया।
2- नमकहराम- अपने ही लोगों से बेईमानी करके वह नमकहराम बन गया।
3- कामचोर- मोहन को जब भी काम बताओ तो वह काम नहीं करता, वह बहुत कमजोर हो गया है।
4- नौ - दो - ग्यारह- पुलिस को देखकर चोर नौ - दो - ग्यारह हो गए।
5- दांतों पसीना आना- बैलों को अपने घर ले जाने में गया के दांतो पसीना आ गया।
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