class 9 hindi kavya khand chapter 2 - वाख (ललद्यद) - Arvindzeclass - NCERT Solutions

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Wednesday, September 6, 2023

class 9 hindi kavya khand chapter 2 - वाख (ललद्यद)



 Class 9 Hindi NCERT Solutions

पाठय पुस्तक -क्षितिज 

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Notes, Class 9 Hindi Kshitij Syllabus, Class 9 Hindi Kshitij Book
गद्य  - खंड


वाख
(ललद्यद)

-1-

रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।
जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार।
पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।
जी में उठती रह-रहे हूक, घर जाने की चाह है घेरे।।

 

कवयित्री कहती है मैं जीवन रूपी नाव को प्राण रूपी कमजोर धागे से खींच रही हूं। न जाने कब मेरी पुकार सुनकर मेरे ईश्वर मुझे इस संसार रूपी भवसागर से मुक्त करेंगे। अब मेरा यह शरीर बहुत कमजोर हो गया है जिसके कारण मेरे सारे प्रयास असफल हो रहे हैं और ईश्वर के पास जाने की मेरी जिज्ञासा मन में बार-बार उठती जा रही है।
-2-

खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अहंकारी।
सम खा तभी होगा समभावी,
खुलेगी साँकल बंद द्वार की।


कवयित्री कहती है सांसारिक मायाजाल के भोग-विलास में लिप्त होने से कुछ प्राप्त नहीं होगा पर इस मायाजाल में नहीं पड़ने से भी अहंकारी बन जाएगा इसलिए दोनों को समान रूप से रखना चाहिए जिससे समानता की भावना उत्पन्न होगी और चेतना का विकास होगा तब मन सभी विकारों से मुक्त हो जाएगा।

-3-

आई सीधी राह से, गई न सीधी राह।
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह।
जेब टटोली कौड़ी न पाए।
माझी को दूँ, क्या उतराई?


कवयित्री कहती है मैं इस जीवन को सत्कर्म के सही रास्ते पर नहीं चला सकी और जीवन में सांसारिक छल-कदमों के रास्ते पर चलती रही। अब मैं जीवन के अंतिम पड़ाव पर हूं। ईश्वर प्राप्ति के लिए सत्कर्म सहायक होते हैं और मेरे पास ईश्वर को देने के लिए सत्कर्म भी नहीं है।
-4-

थल-थल में बसता है शिव ही,
भेद न कर क्या हिंदू-मुसलमान।
ज्ञानी है तो स्वयं को जान,
वही है साहिब से पहचान।।


कवयित्री कहती है सृष्टि के प्रत्येक कण-कण में ईश्वर सर्व व्याप्त है इसलिए भेदभाव मत करो। हिंदू, मुसलमान सब एक समान है। दोनों में एक ही ईश्वर है। ज्ञानी वही है जो अपने भीतर ईश्वर को खोजता है  और ईश्वर को प्राप्त करता है।



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पाठय पुस्तक - कृतिका 

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Notes
 

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प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1 - रस्सी यहां किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?
उत्तर - रस्सी यहां पर प्राणों के लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कमजोर है।

प्रश्न 2 -
कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं?
उत्तर -
कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास इसलिए व्यर्थ हो रहे हैं क्योंकि वह जीवन के अंतिम पड़ाव पर है और उसका शरीर बहुत कमजोर हो गया है। जिसके कारण उसके प्रयास असफल हो रहे हैं।

प्रश्न 3 -
कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है?
उत्तर -
कवयित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य है। वह ईश्वर के पास जाना चाहती है और मुक्ति प्राप्त करना चाहती है।

प्रश्न 4 - भाव स्पष्ट कीजिए
(क) जेब टटोली कोड़ी न पाई
प्रस्तुत पंक्तियों में
कवयित्री द्वारा आत्मा आलोचना करने पर यह पाया कि उसने अपने जीवन भर में कुछ भी  सत्कर्म नहीं किए।

(ख) खा-खा कर कुछ पाएगा नहीं
        न खाकर बनेगा अहंकारी
प्रस्तुत पंक्तियों में बताया गया है कि सांसारिक मायाजाल में लिप्त होने से कुछ प्राप्त नहीं होगा और इस मायाजाल में न पड़ने से भी वह अहंकारी बन जाएगा पर दोनों को समान रखने से समानता की भावना उत्पन्न होगी।

प्रश्न 5 - बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाए हैं?
उत्तर - बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने 'समानता की भावना' का उपाय सुझाया है।

प्रश्न 6 - ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं लेकिन उससे भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती। यह भाव किन पंक्तियों से व्यक्त हुआ है?
उत्तर - ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी साधना भी करते हैं लेकिन उससे भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती। यह भाव
'सुषुम-सेतु पर खड़ी थी' पंक्ति में व्यक्त हुआ है।

प्रश्न 7 - ज्ञानी से
कवयित्री का क्या अभिप्राय है?
उत्तर - ज्ञानी से कवयित्री का अभिप्राय आत्मज्ञान से है जिसके द्वारा मनुष्य स्वयं को जानता है।


रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 8 - हमारे संतो, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यो में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है -

क) आपकी दृष्टि में इस कारण देश और समाज को क्या हानि हो रही है?
उत्तर - भेदभाव के कारण देश और समाज को  निम्नलिखित हानि हो रही है -
1) समाज में भेदभाव के कारण आपसी झगड़े और असुरक्षा बढ़ रही है।
2) समाज में परस्पर नफरत की भावना उत्पन्न हो रही है।
3) समाज के आर्थिक विकास की गति रुक जाती है।

ख) आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए अपने सुझाव दीजिए।
उत्तर - आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए सुझाव -
1) समाज में राष्ट्रीय एकता को बल देना चाहिए।
2) समाज में सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर प्राप्त होने चाहिए।
3) समाज में सभी वर्गों को समानता की दृष्टि से देखना चाहिए और ऊंच - नीच, जाति - पति को स्थान नहीं देना चाहिए।

पाठेतर सक्रियता
प्रश्न - ललद्यद कश्मीरी कवयित्री है। कश्मीर पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर - कश्मीर पर अनुच्छेद - कश्मीर अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है कश्मीर को भारत का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। यहां हिमालय की ऊंची ऊंची चोटिया पाई जाती है जो बर्फ से ढकी रहती हैं। यहां पर नदियां और घटिया भी हैं जिससे यह स्थान आकर्षक का केंद्र बना रहता है। यहां पर लोग दूर-दूर से इसकी सुंदरता को निहारने के लिए आते हैं।


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Class 9 Subjects
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