पाठ - 2 मेरे संग की औरतें
मृदुला गर्ग
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1 - लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थी?
उत्तर - लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे प्रभावित थी क्योंकि लेखिका की मां की शादी से पहले ही उसकी नानी की मृत्यु हो गई थी। मां से नानी के बारे में बहुत कुछ सुना था लेखिका की नानी पारंपरिक, अनपढ़, पारदर्शी और आजाद ख्यालों की औरत थी। जबकि लेखिका के नाना जी वेरिस्ट्री पढ़ने के बाद विलायती रीति-रिवाज के संग जिंदगी बसर करने लगे पर नानी ने अपने रहन-सहन पर इसका कोई असर नहीं पड़ने दिया। वह एक स्वाभिमानी औरत थी और साधारण तरीके से अपना जीवन व्यतीत करती थी।
प्रश्न 1 - लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थी?
उत्तर - लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे प्रभावित थी क्योंकि लेखिका की मां की शादी से पहले ही उसकी नानी की मृत्यु हो गई थी। मां से नानी के बारे में बहुत कुछ सुना था लेखिका की नानी पारंपरिक, अनपढ़, पारदर्शी और आजाद ख्यालों की औरत थी। जबकि लेखिका के नाना जी वेरिस्ट्री पढ़ने के बाद विलायती रीति-रिवाज के संग जिंदगी बसर करने लगे पर नानी ने अपने रहन-सहन पर इसका कोई असर नहीं पड़ने दिया। वह एक स्वाभिमानी औरत थी और साधारण तरीके से अपना जीवन व्यतीत करती थी।
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पाठय पुस्तक -क्षितिज (Class 9 Hindi)
पाठ 2 - ल्हासा की ओर --------------------------------------
प्रश्न 2 - लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?
उत्तर - लेखिका की नानी पारंपरिक, घरेलू, उबाऊ और खामोश जिंदगी जीने में आज के हिसाब से क्रांतिकारी चाहे कुछ भी ना हो दूसरे की तरह जीने के लिए मजबूर नहीं होकर अपना जीवन आजादी से जीती थी। वह आजाद ख्याल की थी। उसके पति साहब थे, वह चाहती थी उसकी बेटी की शादी किसी साहब से नही होकर उनके पति के मित्र जो एक सिपाही थे उन्हीं की तरह किसी आजादी के सिपाही से करवा दी जाए।
प्रश्न 3 - लेखिका की मां परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सब के दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में -
क) लेखिका की मां के व्यक्तित्व की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर - लेखिका की मां के व्यक्तित्व की विशेषताएं -
1- वह कभी झूठ नहीं बोलती थी।
2 - वह एक की गोपनीय बात को दूसरे पर जाहिर नहीं होने देती थी।
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पाठय पुस्तक - कृतिका
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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika
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ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
उत्तर - लेखिका की दादी के घर में सभी लोग स्वतंत्र विचारों के थे। उन्हें कतार से बाहर चलने का शौक था।
मां घर के बच्चों की देखभाल करती है पर लेखिका के पिता ही बच्चों को मां की तरह प्यार व देखभाल करते थे।
सब लड़के होने के लिए मन्नतें मांगते हैं पर लेखिका की परदादी लड़की के लिए मन्नत मांगती है।
प्रश्न 4 - आप अपनी कल्पना से लिखिए की परदादी ने पतोहु के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों मांगी?
उत्तर - परदादी ने पतोहु के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत इसलिए मांगी क्योंकि परदादी स्वतंत्र विचारों की थी। वह लड़के और लड़की में भेदभाव नहीं करती थी और वह दूसरी औरतों से अलग सोचती थी।
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प्रश्न 5 - डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सजगता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है। पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर - लेखिका की मां को जब लगा कि चोर कमरे में घुस आया है तब डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सजगता पूर्वक बोली - बेटा मुझे लोटे से पानी लाकर पिला दो। चोर ने लोटे से पानी पिला दिया फिर उसी लोटे से चोर को पानी पीने को कहा। अब मां जी बोली - एक ही लोटे से पानी पीकर हम दोनों मां-बेटे हुए। अब बेटा तेरी मर्जी चोरी कर या खेती। चोर मां जी की बातों से सुधर गया और चोरी छोड़कर खेती करने लगा। इस तरह मां जी ने प्रेम पूर्वक सजगता से चोर की सही राह पर ले आयी ।
प्रश्न 6 - 'शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है।' - इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - शिक्षा बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है इस दिशा में लेखिका के प्रयास -
1 - लेखिका ने पास के कैथोलिक बिशप से दरख्वास्त की वह सीमेंट कारखाने की आर्थिक मदद से उनके कस्बे में एक प्राइमरी स्कूल खोल दे। उस प्रदेश में क्रिश्चन बच्चों की जनसंख्या कम थी इसलिए वहां स्कूल खोलने में असमर्थ थे।
2 - लेखिका ने खुद का अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ तीन भाषाएं पढ़ाने वाला स्कूल खोला ।
प्रश्न 7 - पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?
उत्तर - जीवन में जो कभी झूठ नहीं बोलते हैं। हमेशा सत्य बोलते हैं और एक की गोपनीय बात को दूसरे को नहीं बताते हैं। ऐसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है।
प्रश्न 8 - 'सच अकेलेपन का मजा ही कुछ और है' - इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर - लेखिका ने अपने जिद्दी पन के स्वभाव से अपनी सफलता की राह को अकेले तरासती गई। अपने जिद और दृढ़ विश्वास के कारण ही वह अकेले अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ तीन भाषाएं पढ़ाने वाला प्राइमरी स्कूल खोल सकी । लेखिका की बहन रेणु जिद में लेखिका से भी आगे थी। पिता की लगाई गई स्कूल की गाड़ी को छोड़कर वह धूप में पैदल चलकर जाती थी साथ जबकि बहन गाड़ी में जाती थी। एक बार तो रेणु ने हद ही कर दी, जब नौ इंच बारिश होने पर सब ने समझाया कि स्कूल बंद होगा 'मत जाओ' पर रेणु पैदल चली गई। जगह-जगह पानी से लब-लब करते सुनसान शहर में अकेले अपनी धुन में मंजिल की तरफ चलती गई। इस तरह लेखिका एवं उसकी बहन दोनों ही बहुत जिद्दी थी। उनका अपने आप पर दृढ़ विश्वास था जिसके कारण वह अपने लक्ष्य तक पहुंच गई ।
उत्तर - शिक्षा बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है इस दिशा में लेखिका के प्रयास -
1 - लेखिका ने पास के कैथोलिक बिशप से दरख्वास्त की वह सीमेंट कारखाने की आर्थिक मदद से उनके कस्बे में एक प्राइमरी स्कूल खोल दे। उस प्रदेश में क्रिश्चन बच्चों की जनसंख्या कम थी इसलिए वहां स्कूल खोलने में असमर्थ थे।
2 - लेखिका ने खुद का अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ तीन भाषाएं पढ़ाने वाला स्कूल खोला ।
प्रश्न 7 - पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?
उत्तर - जीवन में जो कभी झूठ नहीं बोलते हैं। हमेशा सत्य बोलते हैं और एक की गोपनीय बात को दूसरे को नहीं बताते हैं। ऐसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है।
प्रश्न 8 - 'सच अकेलेपन का मजा ही कुछ और है' - इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर - लेखिका ने अपने जिद्दी पन के स्वभाव से अपनी सफलता की राह को अकेले तरासती गई। अपने जिद और दृढ़ विश्वास के कारण ही वह अकेले अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ तीन भाषाएं पढ़ाने वाला प्राइमरी स्कूल खोल सकी । लेखिका की बहन रेणु जिद में लेखिका से भी आगे थी। पिता की लगाई गई स्कूल की गाड़ी को छोड़कर वह धूप में पैदल चलकर जाती थी साथ जबकि बहन गाड़ी में जाती थी। एक बार तो रेणु ने हद ही कर दी, जब नौ इंच बारिश होने पर सब ने समझाया कि स्कूल बंद होगा 'मत जाओ' पर रेणु पैदल चली गई। जगह-जगह पानी से लब-लब करते सुनसान शहर में अकेले अपनी धुन में मंजिल की तरफ चलती गई। इस तरह लेखिका एवं उसकी बहन दोनों ही बहुत जिद्दी थी। उनका अपने आप पर दृढ़ विश्वास था जिसके कारण वह अपने लक्ष्य तक पहुंच गई ।
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