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Saturday, August 16, 2025

class 9 hindi kavya khand chapter 17 - बच्चे काम पर जा रहे हैं

 

Class 9 Hindi NCERT Solutions

पाठय पुस्तक -क्षितिज 

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Notes, Class 9 Hindi Kshitij Syllabus, Class 9 Hindi Kshitij Book
गद्य  - खंड

          

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बच्चे काम पर जा रहे हैं

राकेश जोशी

सरल सारांश

इस कविता में कवि ने उन मासूम बच्चों की पीड़ा को चित्रित किया है, जो खेलने-कूदने और पढ़ाई करने की उम्र में काम करने के लिए मजबूर हैं। सुबह का समय है, जब सभी बच्चे खुशी से स्कूल जाने निकलते हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हें मजबूरी में होटलों, दुकानों, कारखानों या सड़कों पर काम करने जाना पड़ता है।

बच्चे काम पर जा रहे हैं
बच्चे काम पर जा रहे हैं

कवि यह बताना चाहते हैं कि ये बच्चे भी सपनों और मासूमियत से भरे हैं, लेकिन गरीबी और परिस्थितियों ने उनकी हंसी छीन ली है। वे काम की ओर जाते हैं जबकि उनका असली हक किताबों, खेलों और शिक्षा पर है।

कविता हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि बच्चों से मजदूरी कराना एक अन्याय है और समाज को मिलकर ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जहाँ हर बच्चा स्कूल जाए, पढ़े-लिखे और अपने सपनों को पूरा कर सके।


प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1 - कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन - मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है, उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
उत्तर - कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से मन - मस्तिष्क में जो 
चित्र उभरता है  वह गरीबी का है। गरीबी होने से गरीब बच्चों को दो वक्त का भोजन भी नसीब नहीं हो पाता है। जिसके कारण उन्हें सर्दियों की कोहरे से ढकी सड़क में काम पर जाना पड़ रहा है। जिस सर्दी की ठंड में बच्चों को अपने घरों पर बैठना चाहिए मजबूरी में उन्हें काम पर जाना पड़ रहा है।

प्रश्न 2 - कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह ना लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?' कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?
उत्तर - 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?' कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में पूछा जाना चाहिए क्योंकि प्रश्न करके उत्तर कि आकांक्षा बनी रहती है। कवि भी प्रश्न करके उत्तर की तलाश में है कि किसी से भी एक ऐसा उत्तर मिले जिससे कि इस भयानक स्थिति का निवारण हो सके।

प्रश्न 3 - सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों है?
उत्तर - गरीबी और जिम्मेदारियां के बोझ में दबे बच्चे अपनी निजी ज़रूरतें भी पूरी नहीं कर पाते हैं। उनके पास खाने के लिए भरपेट भोजन नहीं है, पढ़ने के लिए किताबें नहीं है।  कोई भी व्यक्ति उनकी मदद नहीं करना चाहता है, काम करना इन बच्चों की मजबूरी भी है और जरूरत भी है। काम नहीं करेंगे तो भूखा रहना पड़ेगा। ऐसे में वह सुविधा और मनोरंजन की बात सोच भी नहीं सकते हैं इसलिए बच्चे सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से वंचित है।

प्रश्न 4 - दिन - प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर - दिन - प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के निम्न कारण हो सकते हैं -
1 - हर कोई व्यक्ति अपने जीवन की भाग दौड़ में व्यस्त है। 
2 - यह काम पर जाने वाले बच्चे बहुत गरीब परिवार से होते हैं, जिन पर कोई ध्यान नहीं देता है। 
3 -  उनके अपने माता-पिता उनको काम पर लगा देते हैं जिसमें कोई दूसरा हस्तक्षेप नहीं करना चाहता है। 
4 - आज का मनुष्य किसी दूसरे के प्रति संवेदनशील नही है। 

प्रश्न 5 - आपने अपने शहर में बच्चों को कब - कब और कहां - कहां काम करते हुए देखा है?
उत्तर - मैंने अपने शहर में बच्चों को हर मौसम में, सड़कों पर, होटलो में,  दुकानों पर, और मेलों में काम करते हुए देखा है।

प्रश्न 6 - बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?
उत्तर - बच्चों का काम पर जाना एक बड़े हादसे के समान इसलिए है। जिस उम्र में बच्चों को खेलना - कूदना, मस्ती करना, पढ़ाई करनी चाहिए। उस उम्र में वह काम पर जा रहे हैं जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है और यह बच्चे ही आगे देश का उज्जवल भविष्य है। अब बच्चों का भविष्य ही खतरे में है तो यह धरती में एक बड़े हादसे के समान ही है।

रचना अभिव्यक्ति
प्रश्न 7 -काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने - आप को रख कर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।

उत्तर - काम पर जाते हुए जब मैं अपने साथ के बच्चों को स्कूल जाते देखता हूं तो मेरा मन उत्साह से भर जाता है क्योंकि मैं भी पढ़ना चाहता हूं उनकी तरह खेलना, मौज - मस्ती करना चाहता हूं पर मैं नहीं कर सकता हूं। तब मैं उसी क्षण निराश हो जाता हूं मेरे ऊपर मेरे परिवार की जिम्मेदारी है। काम करके मैं कुछ पैसे जो काम कर ले जाता हूं उसमें मेरे और मेरे परिवार का बड़ी मुश्किल से गुजरा हो पता है। काम पर जाते हुए बस यही चिंता सताती है कि देर हो गई तो मालिक से बहुत डांट पड़ेगी और कहीं वह मेरे पैसे तो नही काट देंगे। 

प्रश्न 8 - आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?
उत्तर - मेरे विचार से बच्चों को काम पर इसलिए नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि यह उम्र उनकी पढ़ने,  खेलने - कूदने की होती है और काम पर भेज कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना होगा।
काम के स्थान पर बच्चों को निम्न मौके मिलने चाहिए-
1 - बच्चों को शिक्षा के मौके मिलने चाहिए। 
2 - बच्चों को उनके रुचि के आधार पर खेलकूद के मौके मिलनी चाहिए। 
3 - बच्चों को मनोरंजन और सुविधा भी मिलनी चाहिए। 
4 - बच्चों को आगे बढ़ाने के अवसर मिलने चाहिए क्योंकि यह हमारे देश का भविष्य है।



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