Class 9 Hindi NCERT Solutions
पाठय पुस्तक -क्षितिज
गद्य - खंड
पाठ 3 - उपभोक्तावाद की संस्कृति
पाठ 4 - सांवले सपनों की याद
पाठ 5 - नाना साहब की पुत्री देवी मैना
पाठ 6 - प्रेमचंद के फटे जूते
पाठ 7 - मेरे बचपन के दिन
काव्य - खंड
पाठ 9 - कबीर की सखियां और सबद
पाठ 10 - वाख (ललद्यद)
पाठ 11 - सवैया (रसखान)
---------------------------------------
सारांश – मेरे बचपन के दिन
महादेवी वर्मा
इस आत्मकथात्मक रचना में लेखिका महादेवी वर्मा ने अपने बचपन की स्मृतियों को बड़े सरल और भावुक अंदाज़ में व्यक्त किया है।
अपने परिवार में महादेवी जी कई पीढियां के बाद उत्पन्न हुई। उनके परिवार में प्राय: दो सौ वर्ष तक कोई लड़की नहीं थी। उनके पहले लड़कियों को पैदा होते ही मार देते थे। महादेवी जी उत्पन्न हुई तो उनको बड़े लाड प्यार से रखा गया। उनको वह सब नहीं सहना पड़ा जो और लड़कियों को सहना पड़ता था। उनके बाबा उन्हें एक विदुषीबनाना चाहते थे।
लेखिका
के परिवार में शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता था। घर में पढ़ाई का
वातावरण था और उन्हें भी पढ़ने-लिखने की प्रेरणा मिली। वे अपनी माँ से
विशेष रूप से प्रभावित थीं, क्योंकि उनकी माँ धार्मिक प्रवृत्ति की, दयालु
और स्नेहमयी थीं।
महादेवी
वर्मा बचपन में बहुत भावुक और संवेदनशील थीं। वे दूसरों के दुख-दर्द को
महसूस करतीं और छोटी-सी उम्र में ही सेवा, करुणा तथा त्याग के संस्कार
उनमें विकसित हो गए थे। उन्होंने अपने बचपन में जो अनुभव किए, वही आगे चलकर
उनकी रचनाओं में झलकते हैं।
अंततः यह रचना हमें यह सिखाती है कि बचपन की स्मृतियाँ जीवनभर हमारे साथ रहती हैं और व्यक्तित्व निर्माण में गहरा प्रभाव डालती हैं।
प्रश्न - 1 'मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।' इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाइए कि -
क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी?
उत्तर - उस समय लड़कियों की दशा बहुत ही दयनीय थी। लड़कियों का जन्म होते ही उन्हें मार दिया जाता था और जो बच भी गई तो उन्हें कोई सम्मान नहीं देता था। लड़कियों को शिक्षा से वंचित भी रखा जाता था और उनके साथ बहुत भेदभाव किया जाता था।
ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियों है ?
उत्तर - लड़कियों के जन्म के संबंध में आज की परिस्थितियाँ काफी हद तक सुधर गई है। अब लड़कियां शिक्षित होने के साथ - साथ नौकरी पेशे में भी काम करती हैं। लड़कियों को जन्म के समय मारने पर कानूनी कारवाई की जाती है। लड़कियां लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं। आज लड़कियां हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही है। पर आज भी कुछ लोग लड़कियों के साथ भेदभाव करते हैं लेकिन पहले से अब बहुत सुधार है।
प्रश्न - 2 लेखिका उर्दू - फारसी क्यों नहीं सीख पाई?
उत्तर - लेखिका उर्दू - फारसी इसलिए नहीं सीख पाती है क्योंकि लेखिका को उर्दू - फारसी में कुछ भी समझ नहीं आता है और मौलवी को देखते ही लेखिका चारपाई के नीचे छिप जाती थी। जिसके कारण वह उर्दू फारसी नहीं सीख पाती है।
प्रश्न - 3 लेखिका ने अपनी मां के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
उत्तर - लेखिका की मां को हिंदी बहुत अच्छी आती थी। वह पूजा - पाठ भी बहुत करती थी और लेखिका को पंचतंत्र पढ़ना सिखाती है। उनकी मां थोड़ी संस्कृत भी जानती थी और गीता में उन्हें विशेष रूचि थी। इस प्रकार लेखिका ने अपनी मां के व्यक्तित्व की विशेषताओं का उल्लेख किया है।
प्रश्न - 4 जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है?
उत्तर - जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा कहा है क्योंकि लेखिका और जवारा के नवाब दोनों का परिवार अलग - अलग धर्म से थे। दूसरे धर्म के होने के बावजूद भी दोनों परिवारों में बहुत प्रेम था। दोनों परिवार त्योहारों को एक साथ मिलकर खुशी से मानते थे तथा रिश्तों को ताई, चाची और भाई, बहन के नाम से मजबूत बनाकर रखते थे। जो आज के समय में संभव नहीं है। ऐसा सोचना भी स्वप्न के समानहै।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न - 5 जेबुंन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थी। जेबुंन्निसा के स्थान पर यदि आप होती / होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती ?
उत्तर - जेबुंन्निसा के स्थान पर यदि मैं होती तो मैं महादेवी से स्नेह और मेरी अच्छी सखी बनाना चाहती और जरूरत के समय उसे मदद की अपेक्षा रखती।
प्रश्न - 6 महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चांदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे / करेंगी ?
उत्तर - मुझे मिला हुआ पुरस्कार किसी को देश हित के लिए या किसी आपदा निवारण के लिए देना पड़ा तो मुझे थोड़ी निराशा तो होगी क्योंकि वह पुरस्कार से मेरी यादें जुड़ी है और मुझे बहुत प्रिय भी होगा पर मुझे देने में भी अति खुशी होगी क्योंकि मेरा पुरस्कार अच्छे कार्यों के लिए उपयोग हो रहा है।
प्रश्न -7 लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।
उत्तर - लेखिका ने जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसमें अवधी, बुंदेली, उर्दू, मराठी, हिंदी आदि भाषाए छात्रावास में छात्रएं आपस में बोलती थी और उन्हें हिंदी में पढ़ाया जाता था। छात्राओं में कोई अंतर देखने को नहीं मिलता था। सभी छात्रावास के मैस में एक साथ खाना खाते थे। एक साथ प्रार्थना में खड़े होते थे। तब कोई भी विवाद नहीं होता था क्योंकि तब सांप्रदायिकता नहीं थी।
प्रश्न - 8 महादेवी जी के इस संस्करण को पढ़ाते हुए आपके मानस - पटल पर भी अपने बचपन की कोई स्मृति उभरकर आई होगी, उसे संस्मरण शैली में लिखिए।
उत्तर - छात्र अपने बचपन की कोई स्मृति को अपने शब्दों में लिखें।
प्रश्न - 9 महादेवी ने कवि सम्मेलनों में कविता पाठ के लिए अपना नाम बुलाए जाने से पहले होने वाली बेचैनी का जिक्र किया है। अपने विद्यालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते समय आपने जो बेचैनी अनुभव की होगी, उसे पर डायरी का एक पृष्ठ लिखिए ।
भाषा अध्ययन
प्रश्न - 10 पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूंढ कर लिखिए -
उत्तर - शब्द विलोम
विद्वान - विदुषी
अनंत - अंत
निरपराधी - अपराधी
दंड - पुरस्कार
शांति - बेचैनी
प्रश्न - 11 निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग / प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए -
उत्तर -
शब्द | उपसर्ग | मूल शब्द | प्रत्यय |
---|---|---|---|
निराहारी | निर | आहार | ई |
सांप्रदायिकता | X | संप्रदाय | इक, ता |
vizlUurk | अ | izlUu | rk |
viukiu | X | viuk | iu |
fdukjhnkj | X | fdukjh | nkj |
Lora=rk | Lo | ra= | rk |
प्रश्न - 12 निम्नलिखित उपसर्ग/प्रत्ययों की सहायता से दो - दो शब्द लिखिए ?
उत्तर - उपसर्ग -
vu~ & vutku] vui<
v & vKku] vej
lr~ &lTtu] lRdkj
Lo & Lora=] LojkT;
nqj~ & nqyZHk] nqcZy
प्रत्यय -
nkj & le>nkj] bZekunkj
gkj & ykSgkj] dqEgkj
okyk & nqdkuokyk] pk;okyk
vuh; & ekuoh;] lEekuuh;
प्रश्न - 13 पाठ में आए समासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए ?
उत्तर - समासिक पद विग्रह
पूजा - पाठ पूजा और पाठ
प्रचार - प्रसार प्रचार के लिए प्रसार
ताई - चाची ताई और चाची
सत्याग्रह सत्य के लिए आग्रह
कुल - देवी कुल की देवी
No comments:
Post a Comment