class 9 hindi kavya khand chapter 16 - यमराज की दिशा - Arvindzeclass - NCERT Solutions

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Saturday, August 16, 2025

class 9 hindi kavya khand chapter 16 - यमराज की दिशा

 

Class 9 Hindi NCERT Solutions

पाठय पुस्तक -क्षितिज 

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Notes, Class 9 Hindi Kshitij Syllabus, Class 9 Hindi Kshitij Book
गद्य  - खंड

 
          

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यमराज की दिशा

चंद्रकांत देवताले 

सारांश

इस कविता में कवि ने मृत्यु की अनिवार्यता और उसकी अनिश्चितता को स्पष्ट किया है। मनुष्य यह कभी नहीं जान पाता कि यमराज किस दिशा से आएंगे और कब उसे अपने साथ ले जाएंगे। मृत्यु का समय और स्थान तय नहीं होता, वह अचानक आती है। इसलिए इंसान को मृत्यु से डरकर जीवन व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

कवि का कहना है कि हमें जीवन को सच्चाई, ईमानदारी और अच्छे कर्मों के साथ जीना चाहिए। मृत्यु से भयभीत होने के बजाय हमें हर क्षण को सार्थक और उपयोगी बनाना चाहिए। यही जीवन का असली संदेश है।


प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1 - कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई ?

उत्तर - कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल नहीं हुई क्योंकि उनकी मां की दी हुई सीख उन्हें याद थी।

प्रश्न 2 - कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था?
उत्तर - दक्षिण दिशा को लाँघ लेना संभव नहीं कवि ने ऐसा इसलिए कहा दक्षिण दिशा यमराज की दिशा होती है। जिसे 
लाँघना असंभव है। कवि ने सामाजिक विकास के बदलते स्वरूप की ओर इंगित किया है। जिसमें मनुष्य ही मनुष्य के लिए क्रूर हो गया है। 

प्रश्न 3 - कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?
उत्तर - कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा हो गई है क्योंकि अब कवि की माँ नहीं रही। अब 
कवि को अच्छे - बुरे की पहचान कराने वाला कोई नहीं है और क्रूर शोषण करने वाले लोगों का यह समाज कवि को हर तरफ से दक्षिण दिशा लगती है।

प्रश्न 4 -भाव स्पष्ट कीजिए -
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल है
और वह सभी में एक साथ
अपनी दहकती आंखों सहित विराजते हैं। 

उत्तर - अर्थ - कवि को आज चारों दिशाएं यमराज की दिशाएं लगती हैं क्योंकि यह समाज उनको मतलबी और धोकेबाज लगता है और जीवन विरोधी ताकते उनके चारो तरफ फैलती जा रही है। जो सब एक साथ मिलकर क्रोधित लाल आंखों से देखकर उनकी ओर बढ़ते जा रहे हैं। 

रचना अभिव्यक्ति
प्रश्न 5 - कवि की मां ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग - निर्देश देती है। आपकी मां भी समय - समय पर आपको सीख देती होगी। 
क)  वह आपको क्या सीख देती है?
उत्तर - मेरी मां मुझे समय - समय पर अच्छे बुरे की पहचान करने की सीख देती है और ईमानदारी से काम करने के साथ-साद दूसरों की मदद करने की सीख भी देती है।

ख) क्या उसकी हर  सीख आपको उचित जान पड़ती है ? यदि हां तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं?
उत्तर - हां मां की हर सीख मुझे उचित लगती है क्योंकि मां की हर सीख बच्चों के अच्छे के लिए होती है और मां बच्चों का भला ही चाहती है।

प्रश्न 6 -कभी - कभी उचित - अनुचित के निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर - कभी-कभी उचित - अनुचित के निर्णय के पीछे ईश्वर का भाई दिखाना आवश्यक हो जाता है। 
क्योंकि बच्चों कोआने वाली मुश्किलों और खतरों से दूर रखना होता है और बच्चों को सही और गलत की पहचान करना भी जरूरी होता है। 

 

पाठय पुस्तक - कृतिका 

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Notes
 



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