Class 9 Hindi NCERT Solutions
पाठय पुस्तक -क्षितिज
गद्य - खंड
पाठ 3 - उपभोक्तावाद की संस्कृति
पाठ 4 - सांवले सपनों की याद
पाठ 5 - नाना साहब की पुत्री देवी मैना
काव्य - खंड
पाठ 9 - कबीर की सखियां और सबद
पाठ 10 - वाख (ललद्यद)
पाठ 11 - सवैया (रसखान)
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सारांश – प्रेमचंद के फटे जूते
यह कहानी लेखक हरिशंकर परसाई ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन और उनके सादगी भरे व्यक्तित्व को दिखाने के लिए लिखी है। लेखक ने प्रेमचंद की एक तस्वीर देखी, जिसमें उनका पहनावा बहुत साधारण था। उनके जूते फटे हुए थे, बाएँ जूते में बड़ा छेद था और फीते ढीले थे, लेकिन उन्हें इस बात से कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई।
कहानी से यह संदेश मिलता है कि साधारण जीवन और दिखावे की परवाह न करना असली महानता है। प्रेमचंद ने दिखावे की बजाय ईमानदारी, सादगी और आत्म-सम्मान को महत्व दिया। लेखक इस कहानी के माध्यम से हमें यह सीख देते हैं कि व्यक्ति का मूल्य उसके कपड़े या जूतों से नहीं, बल्कि उसके विचारों और चरित्र से तय होता है।
हरिशंकर परसाई
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न - 1 हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उसे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएं उभरकर आती हैं?
उत्तर - हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्न विशेषताएं उभर कर आती हैं -
1) प्रेमचंद जी के जीवन का बहुत साधारण शब्द चित्र बताया गया है।
2) उच्च विचारों और आदर्श जीवन जीने का गुण उनमे अच्छे से समाहित है।
3) किसी भी तरह का दिखावा पसंद नहीं करते हैं और हकीकत की दुनिया में जीते हैं।
4) एक महान कथाकार, उपन्यास - सम्राट, युग प्रवर्तक होते हुए भी उनको थोड़ा भी घमंड नहीं है।
प्रश्न - 2 सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाइए-
क) बाएं पांव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अंगुली बाहर निकल आई है।
ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खींचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
ग) तुम्हारी यह व्यंग मुस्कान मेरे हौसले बढ़ाती है।
घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अंगूठे से इशारा करते हो?
उत्तर - क) लोग तो इत्र चुपड़कर कर फोटो खींचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✓)
ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अंगूठे से इशारा करते हो। (✓)
प्रश्न - 3 नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग को स्पष्ट कीजिए -
क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियां निछावर होती हैं।
उत्तर - टोपी का आशय मान - सम्मान और प्रतिष्ठा से है। पहले लोग मान - सम्मान, प्रतिष्ठा को अपना सब कुछ मानते थे। पर आज देखा - देखी में अपना मान - सम्मान सब कुछ खोते जा रहे हैं।
ख) तुम पर्दे का महत्व ही नहीं जानते, हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं।
उत्तर - यहां पर पर्दे का आशय दिखावे से है। जिस पर आज के सभी लोग निछावर हो रहे हैं दिखावा करना परदा करने के समान है। परदे के पीछे की सच्चाई कुछ और ही होती है। पर आज मनुष्य दिखावे का जीवन जीने में खुश है।
ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ से नहीं पावं की उंगली से इशारा करते हो?
उत्तर - प्रेमचंद जी दिखावा करने वालों से घृणा करते हैं। वह दिखाए को गलत समझते हैं और जैसे है वैसे ही रहना पसंद करते हैं।
प्रश्न - 4 पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग - अलग पोशाके नहीं होगी' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?
उत्तर - प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की वजह यह हो सकती है कि लेखक को समझ आ गया था। प्रेमचंद जी साधारण जीवन जीना पसंद करते हैं और दिखावा नहीं करते हैं जैसे साधारण दिखते हैं वैसे ही रहते हैं।
प्रश्न - 5 आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं?
उत्तर - लेखक ने प्रेमचंद जी के व्यक्तित्व की विशेषताओं का जो उल्लेख किया है वह एक व्यंग है परंतु लेखक ने अपने शब्दों की सरलता और सुंदरता से व्यंग को अच्छे और सही तरीके से प्रस्तुत करके आकर्षक बना दिया है। जो इस व्यंग को पढ़ने के लिए अपनी ओर आकर्षित करती है।
प्रश्न - 6 पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन संदर्भों को इंगित करने के लिए किया गया होगा?
उत्तर - टीले शब्द का अर्थ बांधा या रुकावट होता है। पाठ में टीले शब्द का प्रयोग जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओ की ओर इंगित किया गया है। जो व्यक्ति इन समस्याओ से भागते हैं उनकी समस्याएं कभी दूर नहीं होती है। पर जो व्यक्ति साहस और मेहनत से जीवन में आने वाली समस्याओ का हल ढूंढ लेते हैं वह जीवन में सफल हो जाते हैं।
रचना अभिव्यक्ति
प्रश्न - 7 प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।
उत्तर - मेरी जान - पहचान में एक ऐसे ही व्यक्ति हैं जो साधारण जीवन व्यतीत करना पसंद करते हैं उन्हें दिखावा पसंद नहीं है या फिर वह दिखावे को जानते ही नहीं होंगे। मैंने उन्हें शादी, पार्टी और अन्य छोटे - बड़े कार्यकर्मो में भी देखा है उनका पहनावा साधारण ही रहता है। जहां लोग फैशन के चकाचौथ में कोट - पैंट, सूट - बूट में होते हैं। वहां पर भी उन्होने साधारण सा पेंट शर्ट पहना होता है। उनके कपड़ो में कहीं से सिलवटें या फटे नहीं होते हैं। ऐसा नहीं कि वह अच्छे कपड़े बना नहीं सकते हैं पर वह शायद बनाना ही नहीं चाहते हैं क्योंकि वह वैसे ही खुश रहते हैं। भीड़ - भाड़ से अलग एकांत में खड़े होकर मंद मुस्कान लिए जैसे कह रहे हो इन्होंने कपड़ो पर इतने पैसे ऐसे ही बर्बाद कर दिए हैं। उनका यह व्यक्तित्व कभी तो सही लगता है पर कभी लगता है कि समय और दुनिया के साथ चलना भी जरूरी है। नहीं तो वह समाज से अलग हो जाता है और मजाक का पात्र भी बन जाता है इसलिए समय के साथ - साथ चलना भी जरूरी होता है।
प्रश्न -8 आपकी दृष्टि में वेश - भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?
उत्तर - मेरी दृष्टि में वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज बहुत परिवर्तन आया है। आज लोग किसी भी व्यक्ति को उसके पहनावे या वेशभूषा के आधार पर आकंते हैं और फिर उससे उसी तरह से व्यवहार करते हैं। जैसे किसी व्यक्ति ने अगर बहुत महंगे और सुंदर कपड़े पहने हैं तो उसे अच्छा और अमीर समझा जाता है उसकी इज्जत भी करते हैं। वहीं अगर कोई व्यक्ति साधारण वस्त्र पहने हुए हैं तो उसे गरीब समझते हैं उससे सही ढंग से बात भी नहीं करते हैं।
भाषा अध्ययन
प्रश्न - 9 पाठ में आए मुहावरे छांटिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर - मुहावरे और वाक्य प्रयोग -
1 - न्यौछावर होना - समर्पित होना।
वाक्य प्रयोग - माता-पिता ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए अपनी सारी खुशियां न्यौछावर कर देते हैं।
2 - कुर्बान होना - बलिदान देना।
वाक्य प्रयोग - देश को आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानी देश के लिए कुर्बान हो गए।
3 - हौसले पस्त करना - हिम्मत टूट जाना।
वाक्य प्रयोग - खेल के मैदान में खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन और उनके जोश को देखकर दूसरी टीम के हौसले पस्त हो गए।
4 - ठोकर मारना - महत्व नहीं देना।
वाक्य प्रयोग - रमेश ने थोड़े पैसों के लालच में आकर अच्छी नौकरी को ठोकर मार दी।
5 - टीला खड़ा होना - बाधाए आना।
वाक्य प्रयोग - व्यक्ति के जीवन में समस्याओं के कई टीले खड़े हो जाते हैं।
प्रश्न - 10 प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।
उत्तर - प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणो का उपयोग किया है उनकी सूची इस प्रकार से है -
साहित्यिक पुरखे, महान कथाकार, उपन्यास - सम्राट, युग प्रवर्तक आदि।
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